Gautam Adani ने आगे बोलते हुए कहा कि ‘जैसा कि आप में से ज्यादातर लोगों ने बीते दो सप्ताह से भी कम समय पहले पढ़ा या सुना होगा, हमें अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) को लेकर अमेरिका से आरोपों का सामना करना पड़ा. लेकिन अडानी ग्रुप के किसी भी व्यक्ति पर FCPA के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की किसी भी साजिश का आरोप नहीं लगाया गया है.’ उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में फैक्ट्स की तुलना में नकारात्मकता तेजी से फैलती है. लेकिन हम कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से काम करते हैं और मैं वैश्विक रेग्युलेटरी अनुपालन के लिए अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करना चाहता हूं.
हिंडनबर्ग अटैक का भी किया अडानी ने जिक्र
पोर्ट से लेकर एनर्जी सेक्टर तक में कारोबार करने वाले अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने अपने संबोधन के दौरान बीते साल अडानी ग्रुप पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg) द्वारा किए गए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले साल जनवरी में, जब हम अपना फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) शुरू करने की तैयारी कर रहे थे, तभी हमें विदेश से शॉर्ट-सेलिंग हमले का सामना करना पड़ा. यह कोई आम फाइनेंशियल अटैक नहीं था, बल्कि यह एक दोहरा हमला था और इसका मकसद हमारी वित्तीय स्थिरता को निशाना बनाने के साथ ही हमें राजनीतिक विवाद में घसीटना था. लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत रही.
क्या है US से जुड़ा पूरा मामला?
बता दें, न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान गौतम अडानी की कंपनी पर US में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को मोटा रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) को रिश्वत दी गई.
यही नहीं, रिश्वत वाली बात अमेरिकी कंपनी यानी एज्योर पावर ग्लोबल से छुपाई गई. इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था और इसका लाभ लेने के लिए झूठे दावे करते हुए लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए. हालांकि इन आरोपों के बाद तत्काल स्टेटमेंट जारी करते हुए अडानी ग्रुप ने अमेरिकी जांच एजेंसी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि आरोप निराधार है, ग्रुप हर फैसला कानून के दायरे में लेता है.
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