झाबुआ

सफलता की कहानी*❤️🙏

*❤️🙏स्व-सहायता समूह से जुड़कर संगीता दीदी बनी लखपति दीदी*🙏

❤️🙏*स्वयं सशक्त होने के साथ गांव में महिलाओ के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई संगीता दीदी*🙏❤️

❤️🙏झाबुआ 03 जनवरी, 2025। झाबुआ जिले के झाबुआ तहसील में ग्राम छालकिया के सूरज आजीविका महिला बचत समूह की सदस्य श्रीमती संगीता वसुनिया की कहानी है। संगीता दीदी का छोटा सा कच्चा मकान था। संगीता दीदी का संयुक्त परिवार हैं। संगीता दीदी के पति एवं उसका परिवार निर्माण कार्य में मिस्त्री के रूप में मजदूरी का कार्य करते थे। संगीता दीदी अपनी देवरानी के साथ मजदूरी का कार्य करती थी। संगीता दीदी के 3 पुत्र है। बच्चे पिटोल गाव में स्कूल में ही पढाई करते थे। आर्थिक तंगी के कारण परिवार के सभी सदस्य को मजदूरी करना पड़ती थी।❤️🙏
*म.प्र .आजीविका मिशन से प्राप्त मार्गदर्शन :-*
             ❤️ ग्राम छालकिया में स्व-सहायता समूहों के गठन के बारे में जानकारी मिलने पर संगीता दीदी भी बैठक में गई और गांव की सभी महिलाओं के साथ संगीता दीदी ने समूह से जुड़ने का मन बना लिया। सूरज आजीविका महिला बचत समूह में जुड़ने के बाद संगीता दीदी ने नियमित रूप से समूह की बैठक में जाना शुरु किया। बैठक में बताया गया कि यदि समूह सदस्य अपनी रूचि के अनुसार आजीविका गतिविधि शुरु करना चाहती है तो उसको समूह के माध्यम से प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता दी जाएगी। समूह से लगातार मिले प्रशिक्षण एवं जानकारी से संगीता दीदी के आत्मविश्वास में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। संगीता दीदी की आँखों में एक नई चमक आने लगी जिसकी समूह की सहायता से अपने परिवार को खुशहाली की ऊंचाई पर ले जा सकती है। 🙏🙏
               🙏🌼संगीता दीदी ने ठान लिया कि वह कोई न कोई बड़ा कार्य  करेंगी और उन्होंने अपनी नर्सरी बनाई। उसमें टमाटर और मिर्ची लगाई इस संकल्प को पूरा करने में इनको अच्छी आय प्राप्त हुई । उन्होंने बताया कि उनकी आय 15000 से 18000 हजार रूपये मासिक हो जाती है। 
*श्रीमती संगीता वसुनिया में आये परिवर्तन:-* स्वयं गरीबी से ऊपर आई, पारिवारिक पलायन रुका, लखपति दीदी के क्लब में शामिल हुई , ग्राम सभा में सक्रीय भागीदारी करने लगी ।🙏🌼
*आर्थिक बदलाव :-*
                🙏🌼एक समय में गरीबी रेखा से नीचे की सूची में शामिल परिवार अब आत्म निर्भर की श्रेणी में आ गया । संगीता दीदी ने स्व – सहायता समूह से एक अच्छा सहयोग मिला तब से आज उनका परिवार बेहतर जीवन जी रहा है। संगीता दीदी ग्राम छालकिया समिति की सदस्य है। संगीता दीदी को समूह से इतना उत्साह आया तो इनके आस पास के गाव में  प्रशिक्षण दिया तो इस उपलब्धियों से उनके परिवार समाज गाव में उन्हें अलग पहचान मिली है। 🙏🌼
*सामाजिक बदलाव :-*
                🙏🌼श्रीमती संगीता दीदी की इस कहानी के माध्यम से हम यह समझ सकते है की गरीबी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक जुट होने की बहुत जरुरत है। पारिवारिक मुसीबतों से जूझ रहे संगीता दीदी के परिवार को समूह से सहारा मिला जिससे संगीता दीदी में इतनी हिम्मत आई की वे स्वयं सशक्त तो हुई ही और भी गांव में महिलाओ के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई।🙏🌼

Reporter ❤️🙏

🙏🌼 rinku runwal 🙏🌼-9425970791

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