झाबुआ

❤️🤍❤️🤍❤️❤️🤍आधुनिकता की दौड़ मै🤍❤️🤍❤️🤍❤️🤍

❤️🤍आधुनिकता की दौड़ मै🤍❤️
आधुनिकता की दौड़ मै
देह प्रदर्शन की होड़ मै
🤍❤️मर्यादाये सब टूट गईं🤍❤️
खुद की पहचान भूल गईं
पर तुम्हें मालूम नहीं🤍❤️
तुम ही तो हो
❤️🤍अपार धैर्य और साहस
की हो धारक
तुम ही तो हो🤍❤️
🤍❤️मातृशक्ति की संवाहक
तुम ही तो हो
हर विषम परिस्थिति मै🤍❤️
🤍❤️संघर्ष करने मै सक्षम
तुममें ही बसा है
वातसल्य मय परिपूर्ण मन🤍❤️
तुम ही तो हो
🤍❤️अनंत मातृत्व का सार
तुम ही हो
प्रकृति का अनुपम उपहार🤍❤️
पर आज के परिपेक्ष मै
🤍❤️कहाँ खो गया वो
अनुपम समर्पण
निस्वार्थ भाव वाला वो🤍❤️
अर्पण
तुमसे शोभित है
सौंदर्य बोध का अलंकार🤍❤️
तुममें बसा है
🤍❤️अलौकिक नेसर्गीक श्रृंगार
तुम ही हो
लज्जा का श्रेष्ठ संस्कार🤍❤️
तभी तो सहती है
धरती सम अतुलनीय भार
पर आज क्यों उठ रहै
तुम्हारी अस्मिता पर🤍❤️
प्रश्न चिन्ह?
अपने जैविक जिस्म का
कर प्रदर्शन
भृमित कर रही हो🤍❤️
सारे समाज को
🤍❤️पर भूल रही है तुम
तुममें ही है
देवी स्वरूप का वास🤍❤️
साक्षात् लक्ष्मी का रूप है
🤍❤️तुम्हारें पास
पर पाश्चात्य संस्कृति
के अंधाधुंध वरण से🤍❤️
हो रहा है वो
नेसर्गीक रूप विलुप्त
🤍❤️और पुरुषोत्व के
पद चिन्होँ पर चलकर
एक अघोषित संघर्ष🤍❤️
का कर रही हो
🤍❤️तुम शंखनाद
जबकी पुरुष और स्त्री
वो दो पहियें है
जिसके सहारे चलता है🤍❤️
जीवन रथ
अपने मूल स्वरूप
को तजकर
🤍❤️मात्र देह दर्शन से
सफलता के कयास करना🤍❤️
क्या प्रकृति के नियमों के
अनुकूल है?
यशवंत भंडारी “यश “

🤍❤️🤍❤️🤍❤️🤍❤️🤍❤️🤍❤️🤍❤️🤍❤️

Reporter ❤️🌼

❤️🤍 rinku runwal 🤍❤️-9425970791

Shabdabaan.in

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button