चलों चले मंजिल की और
चलों चले मंजिल की और
आओं हम सब मिल कर
रचे एक सार्थक प्रेरणा प्रदान करता
इतिहास
जो जीवन में मानवता को
संवेदना को ,भावना को
प्रेम और अच्छा सोच चिंतन को
लिए जीना चाहता हो
और देश के विकास के लिए
हर दम सही बात करता हुआ
सभी का भला चाहता हो
ताकि कोई गरीब आदमी नही हो
सभी को रोटी ,,कपड़ा और
मकान नसीब हो
आओं चलो
हम सब मिल करे एक सार्थक बेहद खूबसूरत संकल्प
रामशंकर चंचल झाबुआ
