झाबुआ

दाहोद ( *दबंग समाचार* ) स्वच्छ भारत मिशन विश्व गुरु देश के विश्व विख्यात प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी का सपना था । आपने समुचे भारत से गंदगी एवं भ्रष्टाचार मिटाने का संकल्प लें कर उक्त योजना को देश को समर्पित कर ग्राम पंचायतों से लेकर नगर पालिका, महा नगर पालिका तक को गांव ,शहर , महा नगर की सफाई का दायित्व सौंपा था । जिसमे माननीय मोदी जी ने धन की कमी को आड़े आने नहीं दिया । देश का तो पता नहीं कितना स्वच्छ हुआ मगर मेरे दाहोद स्मार्ट सिटी का पता हे की वह गंदगी से मुक्त नहीं हुआ । नगर पालिका ने पैसा भी कचरे की तरह बहाया गंदगी मुक्त के लिए मगर जिद्दी दाहोद गंदगी मुक्त नहीं हो सका । इससे अच्छी सफाई व्यवस्था तो पांच साल पहले हुआ करती थी तत्कालीन समय शहर में सफाई व्यवस्था पुरी इमानदारी से हुआं करती थी । बिते कुछ वर्षों से तो शहर में गंदगी ने अपना साम्राज्य कुछ इस तरह स्थापित किया की स्वच्छता अभियान वाले भी उसे नहीं डिगा पाएं एक समय था शहर में कचरा उठाने वाले वाहन घर घर से कचरा   ( सुखा गिला ) उठाते थे । वाहनों पर लगे स्पीकर में स्वच्छ भारत के गीतों को सुनकर गृहणियां कचरा, कचरा वाहन तक पहुंचाते थे । तब नगर पालिका में हाउस टेक्स भरते थे तब दो दो डस्टबिन  उपहार स्वरुप टेक्स भरने वाले को देते थे मगर वर्तमान में हाउस टेक्स दाताओं का वह उपहार नगर पालिका खा गई शायद  । इस बार डस्टबिन के उपहार से टेक्स दाताओं को वंचित कर दिया । आज समुचे शहर में जगह-जगह कचरो का ढेर दिख रहे हे न घर घर कचरा उठाने वालों की सिटीयां सुनाईं देती हे ओर ना ही वह कचरा वाहन दिखाई दे रहे हे ओर ना ही स्वच्छता का संदेश देते वह गीत सुनाई नहीं देते । आज कल स्मार्ट सिटी दाहोद की नगर पालिका ने रात्रि कालीन सफाई का बींडा उठाया हे ओर रात्रि कालीन शहर सफाई का दंभ नगर पालिका भर रही हे जानकार सुत्र बताते हे की रात्रि कालीन सफाई का खर्च एक रात का करीब एक लाख रुपए प्रति रात्रि बताते हे । क्या वाकई में इतना खर्च संभव हे ये तो राम जाने मगर कोई एजेंसी उक्त कार्य को कर रही हे । मगर दाहोद में सफाई व्यवस्था दुर दुर तक नहीं दिखाई देती आखिर यह सफाई व्यवस्था कहा कि हो रही हे जांच का विषय हे । भ्रष्टाचार ओर गंदगी में समानता यह हे की दोनों गंदगी फैलाते हे । भ्रष्टाचार तो गुजरात प्रदेश का घर जमाई जैसा हो चुका हे यहां नकली कोर्ट हे नकली विभाग हे नकली एन ए हे तो नकली खाद्य सामग्री के साथ साथ नकली शुद्ध घी तक यहां पर उपलब्ध हे अगर ऐसे में दाहोद शहर में लाखों करोड़ों खर्च करने के बाद भी न सड़कें न सफाई मिले तो आखिर दिल्ली से आने वाला धन कहां जा रहा हे दाहोद नगर पालिका क्षेत्र में करोड़ों के विकास कार्यों के डिंडोरे पीटे जाते हे तो वह विकास किसका हो रहा हे आज समुचा शहर सड़क विहीन हे आमजन का सड़कों पर चलना दुभर हो रहा हे कई क्षेत्रों में गंदगी से बदबू आ रही हे मगर नगर पालिका के प्रमुख उप प्रमुख पार्षद के साथ साथ नगर पालिका अधिकारी तक को कुछ दिखाई नहीं देता ओर ना ही बदबू उनको सुंघा रही हे कहा से दिखाई ओर सुंघाई देगा ये माननीय तो वातानुकूलित वाहनों से आते हे वातानुकूलित आफिस में बैठ जाते हे न ये प्रजा से मिलते ओर ना ही प्रजा से बात करते हे नगर पालिका अधिकारी को फ़ोन करो तो वे प्रमुख महोदय से बात करो ओर प्रमुख महोदय को फ़ोन करो तो वे कहते हे अपने वार्ड पार्षद से बात करो ओर हमारे दाहोद नगर पालिका के पार्षदों से मिलना मतलब अमेरिका के राष्ट्रपति से मिलने जैसा कठिन हे सच तो यह है कि नगर पालिका के पार्षदों प्रमुख एवं नगर पालिका अधिकारी से तालमेल नहीं हे पार्षद दो धड़ों में बंटे हुए हे इनकी आपस में किसी से कोई सामंजस्य नहीं हे इनकी लड़ाई का खामियाजा दाहोद की जनता को भुगतना पड़ रहा हे !____ *दबंग समाचार*____ पत्रकार___ फिरोज एफ़ लिमखेडा____ कार्यालय__ रुस्तम पूरा बादशाह मेन्स वियर दाहोद गुजरात

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