केसरियानाथ दादा के भव्य मंदिर के अवलोकन हेतु मुनिद्वय का नगर में मंगल प्रवेशजैन के साथ हिन्दू धर्म अनुयायियों ने बैंड बाजों के साथ कि भव्य अगवानी*

अरुण ओहारी की रिपोर्ट
थांदला। नगर का बहुचर्चित व बहु प्रतीक्षित केसरियानाथ,नरसिंह भगवान एवं दादा गुरुदेव राजेंद्रसूरीश्वरजी महाराजा के मंदिर जीर्णोद्धार का स्वप्न प्रसिद्ध संत जैनाचार्य पूज्य श्री ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा.ने देखा था जिसे पूर्ण करने का संकल्प लेकर उसे भव्याकार दे रहे उनके ही सुशिष्य सरलमना पूज्य श्री पीयूषचंद्र विजयजी एवं ओजस्वी वक्ता पूज्य रजतचंद्र विजयजी का मंदिर निर्माण अवलोकन हेतु गुजरात राज्य से थांदला में मंगल प्रवेश हुआ। उनके आगमन की सूचना से उत्साहित संघ ने बैंड बाजों के साथ गुरुदेवश्री की भव्य अगवानी की,जिनालय दर्शन के बाद उपाश्रय में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए श्री पीयूषचंद्र विजयजी ने कहा कि जीवन में धर्म का अनुसरण पुण्य लाता है और पुण्य कार्यों से पुण्य बढ़ता है। पूज्यश्री ने अपने आने का प्रयोजन बताते हुए कहा कि गुरुदेव का सपना था कि थांदला नगर में दादा का भव्य मंदिर बने इसी प्रयोजन से संघ आग्रह पर उन्होंनें आज से करीब 17 वर्ष पूर्व इस मंदिर के जीर्णोद्धार की नींव रखी व उनके अधूरे कार्य को पूर्ण करने का सौभाग्य वे हमें देकर गए। यह सौभाग्य है कि आज भव्य मंदिर का 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है जो 2025 तक पूर्ण हो जाएगा। उन्होनें जन समूह की धैर्यता के लिए बधाई देते हुए कहा जहाँ दो मंदिर पूर्णता की ओर है वही गुरु मन्दिर महज दो माह में पूरा बनकर तैयार हो जाएगा। इस अवसर पर पूज्य श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा.ने रूपक के माध्यम से जन समुह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन में आयुष्य घट रही है, तृष्णा बढ़ रही है और समझ विपरीत हो रही है ऐसे में व्यक्ति को लक्ष्य का निर्धारण करते हुए अपने जीवन का सदुपयोग करना चहिये। इन्होनें कहा कि हम जिससे पैसा उधार लेते है उसे ही लौटाते है अन्य को लौटाना मूर्खता समझते है तो फिर पुण्य से मिला मानव जन्म पाप कार्यों में लगाकर उसे क्यों नष्ट करें जबकि इसे तो पुनःपुण्य प्रवृति में लगाने का प्रयास करना चाहिए। पूज्य श्री ने जनसमूह से कहा कि यदि हम जिनशासन में है तो हमें समय, सम्पत्ति व सही समझ ये तीन चीजे मिली है जो समाज को सौपनें की जरूरत है। हम यदि समय व सम्पत्ति न दे सके तो सही समझ देकर तो समाज का भला कर ही सकते है। मुम्बई चातुर्मास विहार पूर्व यहाँ एक दिवसीय प्रवास के संघ आग्रह को टाल नही सके।
*चातुर्मास की उठी मांग गुरुदेव ने कहा अवसर*
अपने गुरुदेव मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक जैनाचार्य पूज्य श्री ऋषभचंद्र सुरीश्वरजी महाराज के दिव्य स्वप्न को मूर्त रूप देने थांदला मंदिर के उद्धारक संत द्वय ने अथक परिश्रम किया है, उनके विनम्र स्वभाव व भावी योजनाओं से प्रेरित होकर एक तरफ जहाँ जैन श्रीसंघ अध्यक्ष कमलेश जैन दायजी, यतीश छिपानी, उमेश पीचा, सुरेश छाजेड़, उमेश आर. पीचा, चंचल भंडारी, यतीन्द्र दायजी, अनिल लुणावत, रवि मोदी, सन्दीप लोढ़ा, तेजस कटारिया, प्रफुल्ल पोरवाल आदि ने चातुर्मास के लिए भावभरी विनन्ति की वही हिन्दू धर्म के प्रमुख अशोक अरोड़ा, गगनेश उपाध्याय, विनीत शर्मा, जितेंद्र राठौड़, लक्ष्मण राठौड़, सुनील पणदा, मनोहर परिहार, श्रीमंत अरोड़ा, जीवन कलाल आदि ने भी गुरुदेव के मुम्बई वर्षावास के बाद आगामी 2025 के चातुर्मास की विनंती की। गुरुदेव ने सकल संघ सह हिन्दू धर्मावलंबियों की विन्रम विनंती पर अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तो समय बहुत है तुम अपने भावों में निर्मलता व उत्साह लाते रहो तो वह अवश्य फलित होगा। धर्मसभा में मोहनखेड़ा तीर्थ के मैनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल जैन,शंखेश्वरपुरम तीर्थ बदनावर के कर्मठ ट्रस्टी नरेंद्रकुमार मोदी,प्रबंधक विजय जैन,प्रितेश जैन गुरूभक्त राजमल मोदी (रतलाम) व नवकारसी के लाभार्थी उमेशकुमार,कमलकुमार पीचा का शाल श्रीफल व माला पहनाकर स्वागत सम्मान किया गया। प्रफुल्ल पोरवाल ने प्रभावना का लाभ लिया। धर्मसभा के पश्चात सभी जनों ने मंदिर जीर्णोद्धार का अवलोकन कर अपने मन में उठ रही जिज्ञासाओं का समाधान किया। संचालन संघ अध्यक्ष कमलेश दायजी ने किया। उक्त जानकारी प्रवक्ता पवन नाहर ने दी।