झाबुआ

कुछ होने वाला नहीं मेने बहादुर सागर तालाब में किये अतिक्रमण और हो रहे निर्माण की गुणवत्ता के भौतिक सत्यापन के लिए आवेदन जनसुनवाई में जिला कलेक्टर को दिया था उसके बावजूद बगैर जांच किये ठेकेदार को पेमेन्ट किया गया लोकायुक्त में छोटे तालाब का प्रकरण दर्ज होने के बावजूद आजतक दोषियो के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई जब जिम्मेदार लोग ही सहयोग नहीं करते तो आम नागरिक का मनोबल तो गिरता ही है अब तो सिर्फ न्यायालय पर ही भरोसा हे वह कुछ कर दे 
शहर कांग्रेस अध्यक्ष
जीतेन्द्र सिंह राठौर                     

अभी अभी आया हु में दिखवा लेता हूं।। एस एस चौहान।। झाबुआ सीएमओ नगर पालिक झाबुआ।

🌼🌼बहादुर सागर तालाब का पानी शीत ऋतु मंे ही होेने लगा है प्रदूषित, तालाब किनारे कांजी जमा होने के साथ कूड़ा-कचरा भी पसर रहाशहर के तालाबों का सौंदर्यीकरण लगातार खत्म होता जा रहा🌼🌼✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨
झाबुआ। शहर का बहादुर सागर तालाब (बडा़ तालाब) वर्षाकाल मंे बारिश से पानी से भर तो गया है, लेकिन वर्षाकाल से पूर्व तालाब के गहरीकरण कार्य एवं जीर्णोद्धार नगरपालिका प्रशासन एवं संबंधित फर्म द्वारा अधूरे में छोड़े जाने से अभी से ही तालाब के पानी में किनारों पर कांजी जमा होने लगी है। वहीं घाटों पर कूड़ा-कचरा भी पसरने लगा है।✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨
ज्ञातव्य रहे कि बहादुर सागर तालाब शहर का सबसे बड़ा तालाब होकर यह तालाब ऐतिहासिक समय का है। ऐतिहासिक समय में यह तालाब शहर की शान होने के साथ सौंदर्यीकरण की दृष्टि से मिसाल था, लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा तालाब की लगातार उपेक्षा, रखरखाव, गहरीकरण, साफ-सफाई जैसे कार्य नियमित एवं गुणवत्तायुक्त नहीं किए जाने से एक बार फिर तालाब का पानी प्रदूषित होने लगा है। शीत ऋतु का दौर चल रहा है, ऐसे में तालाब में अभी से किनारांे पर कांजी, गाद जमा होने के साथ कूड़ा-कचरा पसरा नजर आ रहा है। यह तालाब जलस्त्रोत का प्रमुख साधन होने के साथ वाटर लेवल भी बढ़ाता है, लेकिन इसका पानी प्रदूषित होने से आसपास के रहवासी इसका उपयोग केवल कपड़े धोने एवं घाटों पर गंदगी फैंकने जैसे कार्य में अधिक करते है। तालाब किनारे इन दिनों मछुवारों द्वारा मछली पकड़ने का कार्य भी किया जा रहा है। ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
पुनः जलकुंभियां जमा होने की संभावना
तालाब किनारों पर अभी से कांजी और कचरा एकत्रित होने के साथ शीत ऋतु के बाद जलकुंभियां भी जमा होने की संभावना अभी से ही देखने को मिल रहा है। जिसका मुख्य कारण नगरपालिका प्रशासन एवं निर्माण कार्य करने वाली फर्म द्वारा तालाब के दो बार गहरीकरण कार्य अधूरे में छोड़ने के साथ इसे पूर्णतः साफ-सथुरा एवं ग्रीष्मकाल में पानी खाली कर समतीलकरण कार्य नहीं किया गया। अमुमन तालाब के पानी में जलकुंभिया एवं गाद जमा होने की संभावना अभी से नजर आने लगी है। तालाब के बीच स्थित टापू उजाड़ ही पड़ा हुआ है। नपा प्रशासन को सौंदर्यीकरण के जो कार्य तालाब के आसपास एवं चारो ओर किए जाने थे, वह भी नहंी किए गए। तालाब किनारे रिर्टनिंग वाल का कार्य भी प्रशासन एवं संबंधित ठेकेदार द्वारा अधूरे में ही छोड़ दिया गया है। नपा प्रशासन को तालाब की नियमित देखरेख, रखरखाव के साथ साफ-सफाई होने से तालाब स्वच्छ रहने के साथ शहर के वाटर लेवर को बढ़ाने का मुख्य साधन बन सकेगा।🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
छोटा तालाब एवं मेहताजी का तालाब भी प्रदूषित
इसी प्रकार सज्जन रोड़ पर छोटे तालाब का पानी भी प्रदूषित होने के साथ अक्सर तालाब के पानी मंें कांजी जमा होकर चारो ओर किनारों पर कचरा पसरा रहता है। उक्त जलस्त्रोत के पानी में हुड़ा क्षेत्र के नाले-नालियों का गंदा पानी मिलने के साथ यहां प्रशासन द्वारा ड्रेनेज नाला बनाया जाना स्वीकृत होकर भी अब तक कार्य आरंभ नहीं हुआ है। बीच में तालाब में फव्वारा चालू किया गया था, जो वर्तमान में बंद पड़ा है। मेहताजी के तालाब में बारह मासी फूल-पत्तियों का कचरा और गंदगी पसरी रहती है। बसंत कॉलोनी में मत्स्य विभाग के पीछे स्थित तालाब के आसपास मवेशियों का ढे़रा लगा होने के साथ यह तालाब भी अधिकांशतः समय प्रदूषित ही रहता है।❤️🌼❤️🌼❤️🌼❤️🌼❤️🌼❤️🌼❤️🌼❤️

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