झाबुआ

🙏🙏दुसरो की बढ़ती से दुखी,,,,🙏🙏

🙏🙏आज लोग,, सबसे ज्यादा दुखी दूसरों की बढ़ती देखकर होते हैं पता है जबकि जो बोया वही पा रहे हैं,,,
और जिन्होंने पाया वह भी एक दिन छोड़कर जाएंगे,, दूसरों की बढ़ती देख हम हमारा आगे का भविष्य सुधारना भूल जाते हैं कि हमको भी पुण्य भारी फसल तैयार करनी है और फसल एक विशेष ऋतु में ही तैयार होती है रोज नहीं अवसर मिलते हैं पर हम दूसरों की देखा देखी में और ईर्ष्या रूपी आग में भूनते है अपने आप को जिससे हम अपना ही समय और स्वास्थ्य बिगाड़ लेते हैं जिसे आने वाला भाव भी हम नहीं सुधर पाते,,,🙏🙏

जीवन में कभी किसी के लिए आने पैदा ना करें कोई अच्छा कार्य कर रहा है तो उसको सदा ही स- विवेक से अनुमोदित करें..☺️☺️
धर्म और जीव दया दोनों ही चिन्ह शासन का मूल है और हमको नित्य ही इस ओर आगे बढ़ना चाहिए…
बाल से बड़ा विनय ही है यह बात रामायण से साबित हो ही जाती है रावण जैसी संपदा किसी के पास नहीं की फिर भी विनय की कमी से आज उसने ही अपने कुल का विनाश कर लिया ..😢😢
🙏🙏धर्म की हर कहानी हमको कुछ ना कुछ सिखाती ही है पर बात वही है कि हम कितना सीखना चाहते हैं,,🙏🙏,

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