
“🙏🌼❤️ अरिहंत परमात्मा “
मम त्यागा
अहम त्यागा
त्यागा सारा अभिमान
सुख पाया
संतोष पाया
🙏❤️पाया सहज परिणाम
मान त्यागा
मोह त्यागा
🙏❤️त्यागा राग और द्वेष
आतम रागी
बने वीतरागी
दूर हुये सब क्लेश
राज त्यागा
भोग त्यागा
❤️🙏त्यागा ऐर्श्वर्य विलास
संयम धारी
बने अविकारी
करें मुक्ति निलय में वास
स्वजन त्यागे
स्वधन त्यागा
🙏🌼त्यागा अपनापन
सम्यक पाया
सब कर्म खपाया
करा आत्म चिंतन
स्वाद त्यागा
वाद त्यागा
🙏🌼त्यागा अंतद्वन्द
धर्म पथ पर
पुरुषार्थ कर
वो बने अरिहंत
🙏🌼❤️यशवंत भंडारी “यश “❤️🌼🙏