
दुर्गम काज जगत के जेते! सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते!! राम दुआरे तुम रखवारे! हाेत न आज्ञा बिनु पैसारे !! सब सुख लहै तुम्हारी सरना! तुम रक्षक काहू को डरना!! अापन तेज सम्हाराे आपै! तीनों लोक हाँक ते काँपै!! भूत पिशाच निकट नहीं आवै! महाबीर जब नाम सुनावै!!
सियावर रामचंद्र जी की जय
पवनसुत हनुमान जी की जय
सुबह की जय जय सियाराम पहुंचे