नगर में 13 स्थानों पर चल रहे भगवद कथा के आयोजन*।

जिस प्रकार सूखे खेत में फसलो की अच्छी पैदावार के लिए पानी (बरसात ) अमृत का काम करता है उसी प्रकार मानव जीवन में धर्म की प्रगाड़ता और संस्कारित जीवन जीने के लिए श्री भागवत सप्ताह का आयोजन दिनांक 11 से 17 सितम्बर तक किया जा रहा हे। शहर के करीब बारह मंदिरों पर बाहर से पधारे कथा मर्मज्ञ आचार्यों द्वारा भागवत का अमृत बरसाया जा रहा हे।
गीता भवन,महेश्वरी मंदिर,सोनी मंदिर,राठौड़ मंदिर, नर्सीह मंदिर,शंकर मंदिर, रणछोड़ मंदिर, शीतलामाता मंदिर,चामुंडा माता मंदिर, सत्यनारायण मंदिर आदि स्थानों पर नर नारी सेकडो तादाद में धर्म लाभ ले रहे हे।
गीता भवन पर कानपुर से पधारे कथा वाचक आचार्य श्री अखिलेश मिश्र अपनी प्रभावक वाणी से भागवत का रसपान करा रहे हे।आचार्य श्री ने कहा की मनुष्य को बीती बातों का त्याग करना चाहिए और भविष्य के प्रति सजग रहना चाहिए और हमेशा वर्तमान के लिए कार्य करना हे। क्योंकि भूत सपना हे भविष्य कल्पना हे और वर्तमान अपना है। हम इस समय जितना धर्म कर्म, दान, कर सकते हे उसी से हमारा भविष्य सार्थक होगा। आचार्य श्री ने वास्तविक और व्यवहारिक जीवन को सुखद बनाने के लिए भी कई शास्त्रोक्त किस्सों के माध्यम से नवनीत परोसा।
कथा के चौथे दिन आरती और शास्त्र पूजन का लाभ श्री शांतिलाल जी ऊंकार जी आसरमा ने लिया।