मध्य प्रदेश सरकार “आदिवासी छात्रों” के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है:**88 ब्लॉकों के हॉस्टलों और स्कूलों की बिगड़ती स्थिति
*लाखों और करोड़ों का बजट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।*
“सरकारी हॉस्टलों और स्कूलों की हालत बेहद चिंताजनक है।
छात्रों को निम्न स्तर की शिक्षा, साफ-सफाई, पोषक भोजन, सुरक्षा और शैक्षणिक माहौल तक उपलब्ध नहीं है!
जर्जर भवन, खराब खानपान और प्रशासनिक लापरवाही ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है!
*ट्यूशन, पुस्तकालय और डिजिटल सुविधाओं के अभाव में छात्र प्राइवेट संस्थानों और वैश्विक स्तर पर कैसे प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं??*
यहां तक कि इन हॉस्टलों और स्कूलों में रहना भी असुरक्षित है।
सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है।
*सरकार द्वारा दिए गए उत्तर के अनुसार, अधिकांश स्कूलों और हॉस्टलों में आग और बिजली सुरक्षा के उपकरण तक मौजूद नहीं हैं।*
*यह चौंकाने वाली जानकारी तब सामने आ रही है, जब “झाबुआ विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया” ने विधानसभा में 88 आदिवासी ब्लॉकों के लिए यह सवाल उठाया और सरकार ने इसका उत्तर दिया।*
*#डॉ विक्रांत भूरिया झाबुआ कें लिए भोपाल का जांच दल का गठन करवाने में सफल रहे।।*
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