झाबुआ

वनाँचल क्षेत्र के साहित्यकार श्री भंडारी की विशिष्ट उपलब्धि

“वर्णमाला मै मनोभाव” वल्ड रिकार्ड कम्युनिटी मै दर्ज,
नई दिल्ली के हिंदी भवन मै हुआ सम्मान

झाबुआ वनाँचल क्षेत्र के जाने माने साहित्य कार एवं सेवा भावी यशवंत भंडारी ने साहित्य के क्षेत्र मै एक बड़ी उपलब्धि अर्जित करते हुए क्षेत्र को गौरवान्वित किया
       आपकी यह उपलब्धि आपकी स्व रचित पुस्तक वर्णमाला मै मनोभाव के सृजन करने पर हासिल हुई उक्त जानकारी देते हुए राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के प्रदेश मिडिया प्रभारी प्रवीण सोनी ने बताया कि झाबुआ के साहित्य कार श्री भंडारी ने अब तक दस पुस्तकों का सृजन किया जिसमे उनकी यह महत्वपूर्ण पुस्तक जिसमें आपने हिन्दी वर्ण माला के अक्षरों पर एक एक अक्षर पर उसी वर्ण को लेकर मनोभावों का अनुपम एवं अद्वितीय सृजन किया जो हिन्दी साहित्य का अब तक के इतिहास मै प्रथम सृजन होने से पूर्व मै इस पुस्तक को इंडिया बुक्स ऑफ़ रिकार्ड मै भी शामिल किया जा चूका है और उसी आधार पर इस पुस्तक को वल्ड रिकार्ड कम्युनिटी द्बारा जांच कर  वल्ड रिकार्ड मै शामिल की गई  श्री भंडारी कि इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर देश की राजधानी नई देहली के हिन्दी भवन मै राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर के साहित्यकारों की गरिमामय उपस्थिति मै श्री भंडारी का अभिनन्दन कर इन्हे वल्ड रिकार्ड कम्युनिटी संस्था द्वारा प्रेषित  प्रमाण पत्र एवं आयोजन समिति द्वारा सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया               उक्त कार्यक्रम का आयोजन वाङ्गमय कला संस्थान नई दिल्ली के तत्वाधान वरिष्ठ साहित्यकार स्व श्री मदनलाल मनचंदा की स्मृति मै आयोजित किया गया था जिसके आयोजक डा.रीता नामदेव एसोसिएशत प्रोफेसर दिल्ली विश्वविद्यालय एवं वल्ड रिकार्ड होल्डर राकेश छोकर थे
        इस आयोजन मै प्रमुख अतिथियों के रूप मै अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डा. ओम प्रकाश प्रजापति, सम्पादक ट्रू इंडिया, प्रो. महेंद्र शर्मा, डॉ राकेश जी आर्य, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ चंद्रमोहन अंतराष्ट्रीय विचारक नरसिम्हा मुथी, रूस मास्को से आयी श्वेता सिंह, डॉ नमिता राकेश, चन्द्रमणी ब्रह्मादत्त, डा. राकेश राणा, अल्पना सुहासिनी डॉ, सौरभ पाण्डेय, डॉ विजय सिंघल, व्यंग्यकार सुभाष चंदर
गांधी वादी विचारक यु पी मेनन  निर्माता, निर्दशक डा.राजन कुमार,आदि की उपस्थित थे
“अंतर मन की वेदना का हुआ
       विमोचन “
  इस गरिमा मय आयोजन में श्री यशवंत भंडारी की स्व रचित दसवीं पुस्तक “अंतर्मन की वेदना “का भी उपस्थित अतिथियों द्वारा  विमोचन किया गया, उक्त जानकारी देते हुए अखिल समाज सेवा दल के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद नायक ने बताया कि श्री भंडारी की इस पुस्तक मै समाज की वर्तमान सामाजिक स्थिति पर बहुत ही सटीक रचनाओं का सृजन किया गया इसकी भूमिका सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ गीता दुबे ने लिखी का प्रकाशन नीलम प्रकाशन मुंबई के द्वारा किया गया, पुस्तक का आवरण पृष्ठ ही पूरी पुस्तक के भावों को दर्शाता है                               “कई हस्तियों का किया सम्मान “
   सृजनविभूति के सुन्दर आयोजन मै देश विदेश से पधारे 40 से अधिक साहित्यकार, कलाकार, चित्रकार, पत्रकार, समाजसेवी, कर्तव्यनिष्ट सेना एवं पुलिस कर्मियों का भी सम्मान अतिथियों के कर कमलों से किया गया तथा सभी सम्मानित महानुभावों को दुपट्टा प्रतीक चिन्ह के साथ श्रीफल भी भेंट किये गये, इस सम्मान मै झाबुआ के सजग पत्रकार संजय जैन जगावत को उनकी गिद्ध दृष्टि कालम के लिए उन्हें सम्मानित किया गया
        दो चरणों मै आयोजित इस श्रेष्ठ सृजन, सम्मान, विचार गोष्टी का संचालन डा. विभा राज विभूति एवं डा रीता नामदेव ने किया, आभार कार्यक्रम के सूत्रधार राकेश छोकर  ने माना

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