डॉ रामशंकर चंचल के, आंचलिक, साहित्य पर, एक और महाग्रन्थ

झाबुआ, नि प्र, डॉ रामशंकर चंचल के आंचलिक, साहित्य पर, पी एच डी कर रहे, आदर्श कालेज झाबुआ के व्याख्यता श्री मुकेश बघेल , आज डॉ चंचल के निवास पर, उनके, चरण वन्दन के साथ उससे, उनकी कुछ और
ताजा कृतियों को, प्राप्त कर, उन्हें
उनके ऊपर की जा रही, पी एच डी की, जानकारी दी डॉ चंचल ने, अपने आंचलिक लेखन की ताजा, कृतियों को उन्हें भेंट की, स्मरण रहे इसके पूर्व भी, डॉ चंचल के , प्रोढ साहित्य में कथाओं पर इंदौर गुजराती कालेज की
याख्यता रागिनी श्री वास्तव द्वारा की जा चुकी है, गर्व है, झाबुआ के सहज सरल और सादगी की अद्भुत मिसाल
डॉ रामशंकर चंचल की साहित्य साधना पर उनके तप और हिन्दी भाषा में लिखे, आदिवासी आंचलिक साहित्य के अथाह प्रेम और सर्जन पर
जिसने आज, झाबुआ के आंचलिक
परिवेश को, साहित्य में, अपनी लेखनी से, रच एक ऐसा, इतिहास रचा है जो
आज, आनेवाले कल के लिए, युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन गया है,