तपस्वी की अनुमोदना में निकला चल समारोह, विभिन्न संस्थाओं ने किया तपस्वी का बहुमान

पुण्य सम्राट आचार्य जयंतसेन सूरीजी के पट्टधर गच्छधिपति आचार्य नित्यसेन जी की आज्ञानुवर्ती साध्वी चारित्रकला श्रीजी की प्रेरणा से 16 उपवास की तपस्या वरिष्ठ श्राविका श्रीमती मधु मंगल जी मेहता ने रविवार को पूर्ण की । 16 उपवास की तपस्वी श्रीमती मधु मंगल जी मेहता के देव पूजन के उपलक्ष में एक चल समारोह सोमवार को उनके निवास से निकाला गया । तपस्वी को एक सुसज्जित रथ में बैठाया गया,बैंड की मधुर आवाज और ढोल की ताल पर प्रभु भक्ति करते हुए चल समारोह नगर के प्रमुख मार्गो से होता हुआ श्री सुविधिनाथ जी मंदिर पहुंचा यहां तपस्वी श्रीमती मधु बेन मेहता ने देव पूजन कर प्रभु को इस तक पूर्ण करने के लिए दी गई सामर्थ्य के लिए आभार व्यक्त किया । प्रमुख चौराहों पर गरबा किए गए । चल समारोह यहां से पुनः श्री चारित्र आराधना भवन पहुंचा। सर्व प्रथम मंगलाचरण पूजा एवम स्वाति मेहता ने प्रस्तुत किया । मंगलाचरण के के बाद तपस्वी श्रीमती मधु बेन मेहता के इस तप की अनुमोदना में श्री संघ रानापुर के अध्यक्ष द्व्य चंद्रसेन कटारिया, दिलीप सकलेचा ने अपने उद्बोधन में तपस्वी के तप की अपने शब्दो से अनुमोदना करते हुए कहा की मन और अपनी इंद्रियों को वश में कर तप करने से आत्मा के निर्मल होती है । सभी को छोटे बड़े तप करते रहना चाहिए । राजेंद्र सियाल ने कहा की अनेक प्रकार के तप होते हैं,मोन रहना भी एक तप है । मनोहरलाल नाहर ने कहा की मन को पवित्र बनाती है तपस्या । कमलेश नाहर ने कहा की केवल 8 दिन की साध्वी जी की निश्रा से अनेक तपस्या राणापुर में हुई , तो सभी को सामूहिक विनती कर राणापुर में साध्वी जी का चातुर्मास करवाना चाहिए । जिससे और भी तपस्या राणापुर में हो । परिषद अध्यक्ष जितेंद्र सालेचा,विनय कटारिया,निलेश दवे,संदेश सेठिया, पारसमल चोरडिया सुवासरा,नाहर दसई, यशी लोढ़ा चोमहला,नन्हा बालक विहान मेहता आदि ने तप की महत्ता पर अपने सुंदर उद्बोधन से तपस्वी की अनुमोदना की । तपस्वी श्री मती मधुबेन मेहता का बहुमान श्री मुनिसुव्रत जिनालय जैन श्री संघ,श्री ओसवाल जैन श्री संघ ,अग्रवाल समाज,श्री राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद,महिला परिषद , मित्र मंडल ,दसई जैन श्री संघ ,महिला परिषद दसई आदि संस्थाओं ने किया । कार्यक्रम का संचालन मनीष कटारिया ने किया जबकि आभार गौरव मेहता ने व्यक्त किया ।