झाबुआ


😔 सामाजिक जीवन में वेर – विरोध आपसी मनमुटाव संभव है। हो सकता है, दुनिया में कुछ ऐसे अच्छे लोग भी होंगे जिनका किसी से कभी मतभेद न हुआ हो। लेकिन यह असंभव है कि किसी व्यक्ति के द्वारा इस दुनिया में स्थित छोटे बड़े पशु पक्षी या सूक्ष्म जीव को तकलीफ न पहुंची हो। आवश्यकता “आज” इस बात की है जाने अनजाने में ही सही किसी भी प्राणी को कभी भी “मन – वचन – काय” से जरा भी पीड़ा पहुंची हो उन सभी से हम अंतर्मन से क्षमा प्रार्थी है।
जय जिनेंद्र👏

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