झाबुआ

झाबुआ – झाबुआ में ऋषभदेव बावनजिनालय स्थित श्री राजेंद्रसूरीपोषध शाला में चातुर्मास हेतु विराजित आचार्यश्री दिव्यानंदसूरिश्वरजी मसा , साधु – साध्वीमण्डल के दर्शन वंदन हेतु बड़नगर , राणापुर , सूरत , भाटपचलाना , गडसीयाना आदि स्थानों से श्री संघ के ३०० से अधिक सदस्य झाबुआ आगमन हुआ । संजय मेहता ने बताया ,कि राजवाडा से श्री संघ के सदस्यों को लक्ष्मीबाई मार्ग होते हुए श्री ऋषभदेव बावनजिनालय दर्शन वंदन कर आचार्यश्री , साधु -साध्वी मण्डल के दर्शन वंदन किए । इसके पश्चात धर्म सभा में आचार्यश्री दिव्यानंद सूरिश्वरजी मसा ने श्री संघ और उपधान तप के १५० तपस्वीयो को प्रेरक उद्बोधन दिया । आचार्यश्री ने कहाँ कि “परमात्मा के वचनो को जिनवाणी के माध्यम से श्रद्धा के साथ श्रवण करना जैन श्रावक , श्राविकाओ का प्रथम कर्तव्य है इसके पश्चात इन वचनो को अपने जीवन में आचरण में लाना हे ।आपने कहाँ की हमारी आत्मा अनादिकाल से चार गतियो नर्क , तिर्यंच (पशु गति ) , देव , और मानव गति में भ्रमण कर रही हे कारण एक मात्र हे हमने मानव भव में आने के पश्चात हमारी आत्मा पर लगे कर्मो का नाश करने का पुरुषार्थ नहीं किया । आपने कहाँ कि दुर्लभ मानव जीवन को व्यक्ति धर्म के बजाय धन का उपार्जन करने में लगा हुआ हे । आपने संसार में रह कर तीन सूत्र सुखी होने के दिए -(एक )- में अकेला हूँ , (दो)मेरा कोई नहीं (३) में किसी का नहीं । यह सूत्र दिन रात जपने से “तेरा और मेरा “ का चक्र भी समाप्त होकर और जीव समता भाव में आ सकेगा और आत्मा का कल्याण कर सकेगा । उद्बोधन के पश्चात श्री संघों के प्रमुखों का उद्बोधन और बहुमान कार्यक्रम हुआ। सर्वप्रथम बड़नगर श्री संघ की और से शांतिलाल गोखरू , कैलाश ओरा , पुखराज सियाल , प्रदीप बुरड , राजकुमार पारख आदि ने पूज्य आचार्यश्री से क्षमा याचना करते हुए अगला चातुर्मास बड़नगर में करने की विनती की और लगभग २०० संघ सदस्य ने खड़े होकर चातुर्मास करने की विनती का समर्थन किया । इसके पश्चात राणापुर श्री संघ के सोहनलाल सेठ , दिलीप सकलेचा , चन्द्रसेन कटारिया ने अगला चातुर्मास राणापुर में करने की विनती की और उपस्थित राणापुर के श्रीसंघ सदस्यों ने विनती का समर्थन किया ।इसके पश्चात श्री संघ और चातुर्मास समिति ने बाहर से आए श्री संघ प्रमुखों का साल श्रीफल , माला , तिलक से बहुमान किया । धर्म सभा संचालन और आभार संजय मेहता ने किया ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button