झाबुआ

अनुभुति सी डब्लू एस एन छात्रावास जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र झाबुआ में मनाया अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस*

झाबुआ 23 सितम्बर, 2024। अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 23 सितम्बर के अवसर पर कलेक्टर श्रीमती नेहा मीना के मार्गदर्शन में सामाजिक न्याय तथा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा स्थानीय जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में संचालित विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के छात्रावास में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें कलेक्टर नेहा मीना जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनल भाबर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जितेंद्र सिंह चौहान एवं पेरेंट्स सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ डिसेबल्ड पर्सन झाबुआ के अध्यक्ष यशवंत भंडारी अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
            अतिथियों के कर कमलो से सरस्वती माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के उपरांत उपस्थित अतिथियों का स्वागत उप संचालक सामाजिक न्याय पंकज सांवले पेरेंट्स सोसायटी के अध्यक्ष यशवंत भंडारी एवं संस्था के बालक बालिकाओं ने किया अपने स्वागत से अभिभूत अतिथियों ने स्वयं माला पहनकर बालकों का स्वागत किया उसके उपरांत उपसंचालक सामाजिक न्याय पंकज सांवले ने अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के उपलक्ष पर  अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस की महत्ता व उसके मानने के कारण के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया कि, भारतीय सांकेतिक भाषा, दक्षिण एशिया की प्रमुख सांकेतिक भाषा है. यह कई लाख मूक बधिर लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाती है। संकेतिक भाषा  से बधिर व्यक्ति को दूसरे बधिर लोगों से जुड़ने में मदद मिलती है, सुनने वाले लोगों के लिए भी सांकेतिक भाषा  के उपयोग से बधिर समुदाय के साथ संवाद कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बधिर शिक्षक शिवाजी पांडा को भारतीय सांकेतिक भाषा का जनक माना जाता है।
             इसके उपरांत अनुभूति सी डब्लू एस एन छात्रावास के बालकों एवं प्राथमिक शाला रंगपुरा केंद्र के बालक बालिकाओं ने विभिन्न सांकेतिक व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से उपस्थित अतिथियों व अभिभावकों का मन मोह लिया।
            कलेक्टर नेहा मीना ने अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम बच्चों की प्रस्तुतियों पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि अति अल्प समय में बच्चों के अंदर आत्मविश्वास की अनुभूति देखने में आ रही है जो संस्था के स्टाफ के कार्य के प्रति लगनशीलता दर्शाता है उन्होंने कहा कि छात्रावास व केंद्र की हर जरूरत के लिए प्रशासन सदैव तत्पर है। उनके द्वारा बताया गया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा समावेशी विकास की अवधारणा को अपनाते हुए सांकेतिक भाषा दिवस को मानने के लिए प्रेरित करता है जिससे अलग रूप से सक्षमता को समझा जा सके और आम जन में संवेदनशीलता का विकास हो। इसी के साथ बच्चों को विभिन्न एक्सपोजर विजिट का हिस्सा बनाए जाने हेतु कहा।
             जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनल भाबोर ने बच्चों की प्रस्तुति और उनके अनुशासन को देखते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम में उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के कर्मचारी, जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र झाबुआ व प्राथमिक शाला रंगपुरा केंद्र के कर्मचारी जिला शिक्षा केंद्र समग्र शिक्षा अभियान के ए पी सी आईईडी द्वारा सक्रियता से भाग लेकर कार्यक्रम के सफल आयोजन में महती भूमिका अदा की।
              अपने उद्बोधन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ ने बच्चों की प्रस्तुतियों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त और कहां की बच्चे भगवान का रूप होते हैं और इन दिव्यांग बच्चों में मैं देख रहा हूं की प्रतिभाएं कूट-कूट कर भरी है कार्यक्रम में पेरेंट्स समिति के अध्यक्ष यशवंत भंडारी ने संस्था की उपलब्धियां वह संस्था द्वारा दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे हैं कार्यों की सराहना की
              अंत में उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण श्री पंकज सांवले ने उपस्थित अतिथियों अभिभावकों कर्मचारी व मीडिया कर्मियों का आभार माना। कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा के अवसर पर संस्था के सभी बच्चों को पुरस्कार अतिथियों के कर कमल से वितरित किए गए।
क्रमांक 109/1308

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