
उपधान तप का अद्भुत
साधना को सादर नमन करता हूँ
सचमुच, अच्छा लगता हैं
मेरे शहर की आध्यात्म भूमि में जन्म होना
निराली धरा, पावन भूमि
अद्भुत आस्था की प्रतीक
धर्म गंगा में सदा ही
स्नान करती, पहली बार
झाबुआ, बावन जिनायल
जैन धर्म का पावन स्थल पर उपधान तप का आयोजन, एक ऐसा तप
५१ दिन का , एक समय खाना, एक दिन पुरा उपहास,जैन धर्म का
कठिन तप, साधना लाइट, मोबाइल, सबसे दूर, मन्दिर में ही वास, साधु संत, सा, जीवन जीते हुए
सचमुच, अद्भुत प्रेरणा देता हुआ, मोह माया से दूर
कमाल का त्याग समेट
प्रणाम करता हूँ
सत् सत्, सभी को
जो आनेवाले कल को
युवा पीढ़ी को
भी जीवन की सार्थकता का
तप और साधना का अर्थ समझा कर
जीवन को
मूल्यवान, बनाने के
साथ साथ
मोह माया से, दूर हो
एक नेक इंसान का
पाठ पढ़ाने के साथ
धर्म का महत्व दिया है
डॉ रामशंकर चंचल
झाबुआ, मध्य प्रदेश