झाबुआ

राणापुर परिषद देश में अव्वल।समाज में खुशी का उत्सव । योगेश चौहान

राणापुर :: सन 1967 में पूज्य मुनिराज श्री जयंत विजय जी
“मधुकर” का चातु र्मास था तब से ही राणापुर समाज परिषद के प्रति पूर्ण समर्पित हुई थी। राणापुर परिषद ने राष्ट्रीय स्तर पर पूर्व में लगातार श्रेष्ठ शाखा का पुरस्कार जीता था। पुरुस्कार प्राप्ति का क्रम आज भी अनवरत जारी हे।
     राणापुर युगप्रभावक आचार्य देव श्रीमद विजय जयंतसेन सुरीश्वरजी की कर्म भूमि रही हे।लेखन के साथ संस्कृत और अंग्रेजी के अभ्यास की यात्रा राणापुर से ही शुरू हुई। श्री नवकार आराधना की उदगम स्थली भी राणापुर रही हे।प्रथम शिष्य भी श्री नित्यानंद विजय के नाम से राणापुर ने ही समर्पित किया जो वर्तमान में सुविशाल गच्छाधिपति श्रीमद विजय नित्यसेन सुरीश्वरजी के रूप में राणापुर के गौरव को बढा रहे हे।
      श्री मुनिसुव्रत परिषद ने अहिंसा के क्षेत्र में  2024 का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने कमलेश कटारिया,ललीत सालेचा, पवन नाहर,जितेंद्र सालेचा आदि सदस्यो को शील्ड प्रदान की।परिषद शाखा ने तीसरी बार यह पुरस्कार जीता है।
       तरुण परिषद के राष्ट्रीय सदस्य  अवि सकलेचा ने सम्मेलन में भागीदारी की तथा किए गए कार्यों की जानकारी दी। जिससे “पुण्य सम्राट  शासन प्रभावना “पुरस्कार प्रदान किया । जैसे ही व्हाटसप के जरिए समाचार मिले समाज में खुशी का उत्सव छा गया।
        श्वेतांबर सकल जैन समाज के चंद्रसेन कटारिया,दिलीप सकलेचा  सुरेश समीर,मनीष कटारिया, मीतीन  सकलेचा,कमलेश नाहर, अनिल सेठ,मनीष सकलेचा,विनय जैन,जितेंद्र कटारिया,दिलीप सालेचा,पीयूष जैन,आदि ने बधाई दी।

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