वेदनाओं के विरह से
कब आते है शुभ परिणाम
शुभ संकल्पों से होता तब
हर बात का समाधान
भावनाओं में जो बहते
वे हो जाते हैं बेहाल
अडिग रहते जो सपथ पर
वे हो जाते है निहाल
विजयश्री का आरोहण कर वे
पाते जग मे सम्मान
शुभ संकल्प से होता तब
हर बात का समाधान
सफलता के शिखर पर
पहुंचना नहीं है आसान
कदम कदम पर होते हैं
कई कठिन इम्तहान
सुनसान राहों पर बनाओ
अपने कदमो के निशान
शुभ संकल्पों से होगा तब
हर बात का समाधान
पल पल में बदल जाता
चलते जीवन का उपक्रम
विचलित न हो मनोदशा
सदा रखो ऐसा पराक्रम
सफलता सदा साथ चले
ऐसा चलाओं अभियान
शुभ संकल्पों से होगा तब
हर बात का समाधान
यशवंत भंडारी “यश “
