प्रेस की स्वतंत्रता ,वंदनीय
आज विश्व प्रेस महोत्सव या
स्वतंत्रता दिवस है
दिल से देश के इस अद्भुत
महत्वपूर्ण दिवस को प्रणाम करता हूँ
जहाँ आज भी बसी है
मानवता ,प्रेम और सभी के विकास
भला और अच्छा करने का
सोच चिंतन, सचमुच वंदनीय है
जितना प्यार दुलार और दुआँ
मिले इस वंदनीय
प्रेस महोत्सव को
उनके सम्पादक
पत्रकार और सभी को
उतना कम होगा
देश की उन्नति प्रगति में
सदा ही रात दिन
अपनी साधना मे लगा कलाजयी
सेवा देता हुआ
सम्मानीय सम्पादक
पत्रकार और उनके परिवार के
सभी साथी को
प्रणाम करता हूँ
जो सचमुच देश के बारे में
हर पल सोचता रहता है
सच तो यह
सुख समृद्धि और खुशियाँ
प्रदान करता हुआ
एक सार्थक बेहद सुखद अहसास करता हुआ
देश गर्व है
यह प्रेस महोत्सव
मीडियाँ
रामशंकर चंचल झाबुआ
मध्य प्रदेश
