मुस्कुराकर जी लेता हूँ💐💐
दिल में लगे हर ज़ख्म को
हंसकर सह लेता हूं मै
मुस्कुराने की आदत है मेरी
मुस्कुरा कर जी लेता हूं मै💐
बहुत सुनहरे दिन भी देखें
देखी कई भयावनी रातें
सहे व्यंग के बाण कई💐
सुनी कई मन भावन बातें
उगते डूबते सूरज को
रोज़ नमन कर लेता हूं मै💐
मुस्कुराने की आदत है…..
भूखे प्यासे रहै कभी
कभी खाये पाँच पकवान
अपमानों के घूंट पिये कई
पाया कभी खूब सम्मान
मान अपमान के बीच भी
रिश्ते सारे निभा लेता हूं मै💐
मुस्कुराने की आदत है….
जीत के जश्न मनाये कई
हार ने हमको रुलाया
अधीर हुए दुःख के पल मै
खुशियों मै मन हरसाया
जय पराजय के स्वाद को
एक सा चख लेता हूं मै💐
मुस्कुराने की आदत है मेरी
मुस्कुरा कर जी लेता हूं मै!!🙏💐
यशवंत भंडारी “यश”

Reporter
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