झाबुआ

🙏💐“लक्ष्य के साथ ही की गई धर्म आराधना ही लाभकारी “ – आचार्य दिव्यानंदसूरीश्वरजी ने झाबुआ में आज धर्म सभा में कहाँ @@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@“ “💐🙏जैन दर्शन में धर्म आराधना करने का महत्व अच्छी तरह से वर्णित है किंतु यदि धर्म आराधना लक्ष्य निर्धारण कर नहीं की तो सभी धर्म आराधना निष्फल है ।चाहे प्रभु पूजन हो, चाहे प्रतिक्रमण किया हो, चाहे सामयिक की हो, चाहे चारित्र जीवन याने दीक्षा अंगीकार की हो किंतु लक्ष्य इन सभी धार्मिक क्रियाओ का एक मात्र मोक्ष मार्ग को पाना हे यही होना चाहिए “💐🙏 उपरोक्त प्रेरक उद्बोधन आज झाबुआ के श्री ऋषभदेव बावन जिनालय के राजेंद्रसूरी पोशधशाला के प्रवचन हाल में सात जैन भगवती दीक्षार् ग्रहण करने जा रहे भाई बहनो के बहुमान कार्यकम में आज मंगलवार को आचार्यश्री दिव्यानंद सूरीश्वरजी म सा ने दिए । आचार्यश्री ने कहाँ की मोक्ष मार्ग प्राप्त करने के लिए कषायो को और ममत्व भाव को दूर करना होगा 💐🥰। आपने कहाँ की अनंत भव में यह जीव भ्रमण कर रहा हे कभी देव गति, कभी तिर्यंच गति (पशु /पक्षी ) कभी नर्क गति और कभी मानव गति ।आचार्य श्री ने कहाँ की इन सभी गतियों में सर्व श्रेष्ठ गति मानव गति हे जहाँ से जीव लक्ष्य निर्धारित कर मोक्ष मार्ग को प्राप्त कर सकता हे ।💐🙏 मोक्ष मार्ग की और बड़ने का प्रयास हमारा असफल इसलिए हो रहा हे क्योकि अभी तक हमने हमारी दृष्टि परिवर्तन कर परमात्मा के स्वरूप को समझा ही नहीं ।हमे यह समझ में आ जाए की परमात्मा भी हमारे जैसे ही मानव थे और उन्होंने भी सही स्वरूप को समझ दीक्षा ग्रहण की और केवल ज्ञान को प्राप्त किया । 🙏💐🙏।धर्म सभा पूर्व पूज्य आचार्यश्री मुनि मंडल के साथ गोड़ी पार्श्वनाथ जिनालय से श्री ऋषभदेव बावन जिनालय पहुचे । इसके पश्चात सुबह १० बजे आचार्यश्री एव साधु मंडल की निश्रा में ७ मुमुक्षु का वरघोड़ा शहर के विभिन मार्गो से गुजरा । जगह जगह दीक्षार्थीयो का माला शाल श्रीफल तिलक कर स्वागत किया । सभी दीक्षार्थी बग्गीयो में विराजित थे । वरघोड़ा बावन जिनालय पहुँचा जहाँ आचार्यश्री के प्रवचन पश्चात समस्त दीक्षार्थीयो का बहुमान विभिन संस्थाओं की और से किया गया । @ये दीक्षा ग्रहण करेंगे ———मुमुक्षु विपुल भाई, मुमुक्षु कलश कुमार, मुमुक्षु कुमारी रिया(हुबली/भीनमाल), मुमुक्षु सम्पत्ति कुमारी, मुमुक्षु हेतवी कुमारी, मुमुक्षु येशा कुमारी , मुमुक्षु विनी, ( मुंबई थराद निवासी)जिनकी दीक्षा मोहनखेड़ा में 31 जनवरी २०२५ को गच्छाधिपति श्रीमद् विजय जयानंद सूरीश्वर के हाथो से होगी वही सातवीं दीक्षा प्रज्ञाकुमारी चपरोद ( मुंबई/ जावरा ) की दीक्षा 26 जनवारी को पालीताणा में गच्छाधिपती आचार्य श्रीमद् विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी की निश्रा में संपन्न होगी । प्रभावना राकेश राजेन्द्र मेहता परिवार ने वितरित की । संचालन संजय मेहता ने किया ।🙏🙏💐💐

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