युग पुरुष का हुआ अवतरण

पच्चीस दिसंबर और सन उन्नीस सौ चौबीस
ग्वालियर मध्य प्रदेश में गूॅंजी थी किलकारी।
युग पुरुष कवि हृदय का हुआ था अवतरण
सरल,सहज,मृदुभाषी नाम अटल बिहारी।।
सेवा,समर्पण और त्याग है जिसके हृदय में
आदर से शीश झुकाती है दुनिया यह सारी।
युग पुरुष कवि हृदय का हुआ था अवतरण
सरल,सहज,मृदु भाषी नाम अटल बिहारी।।
पिता है कृष्ण बिहारी और माता कृष्णा देवी
माता-पिता ने ग़रीबी में जिंदगी यह गुजारी।
युग पुरुष कवि हृदय का हुआ था अवतरण
सरल,सहज,मृदुभाषी नाम अटल बिहारी ।।
भारत – रत्न और पद्म भूषण से सम्मानित
संघर्षरत रहा जीवन,मुश्किलों में रहे भारी।
युग पुरुष कवि हृदय का हुआ था अवतरण
सरल,सहज,मृदुभाषी नाम अटल बिहारी।।
जय जवान,जय किसान, जय विज्ञान नारा
देश-प्रेम की भावना,भारत माॅं का पुजारी।
युग पुरुष कवि हृदय का हुआ था अवतरण
सरल,सहज,मृदुभाषी नाम अटल बिहारी।।
प्रखर वक्ता,पत्रकार,राजनीतिज्ञ प्रधान मंत्री
जीवन-पथ में जिसने कभी न हिम्मत हारी।
युग पुरुष कवि हृदय का हुआ था अवतरण
सरल,सहज,मृदुभाषी नाम अटल बिहारी।।
सोलह अगस्त,दो हजार अठारह में निधन
आज हृदयतल से उन्हें है श्रद्धांजलि हमारी।
युग पुरुष कवि हृदय का हुआ था अवतरण
सरल,सहज,मृदुभाषी नाम अटल बिहारी।।
स्वरचित)
भेरूसिंह चौहान “तरंग”
४ रोहिदास मार्ग, झाबुआ
जिला – झाबुआ (मध्य प्रदेश)
पिन – ४५७६६१
मो.नंबर – ७७७३८६९८५८
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