*डॉ रामशंकर चंचल कृति,अलाव ने दस्तक दी इस तरह*

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के आदिवासी लेखन के अद्भुत मसीहा
डॉ रामशंकर चंचल की ताजा कृति अलाव का विमोचन सम्पन्न हुआ
मुख्य अतिथि डॉ अंजना मुवेल आजाद महाविद्यालय हिन्दी विभागाध्यक्ष झाबुआ और मुकेश बघेल, इंदौर की प्रतिभा पुत्री साक्षी त्रिवेदी के कर कमलों से सम्पन्न हुआ
अलाव कृति का विमोचन ने पूरे देश में विश्व में कुछ इस तरह दस्तक दी की अद्भुत रूप से झाबुआ मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल की दिन चर्या जीवन पीड़ा सुख सुकून सारे देश में विश्व में डॉ रामशंकर चंचल की जीवंत कथाओं में पड़ कर
सभी गर्व महसूस करते हुए झाबुआ जिले के आदिवासी अंचल में परिचय करते हुएं डॉ रामशंकर चंचल को सैकड़ों बधाई देते हुए आगे भी उनसे अनेक अपेक्षा कर उनके सुखद जीवन की कामना करते हुए गर्व महसूस कर रहे हैं कि झाबुआ पिछड़े अंचल में साहित्य साधना तपस्या करते हुए आज सम्पूर्ण विश्व में साहित्य को हिंदी भाषा को अपना अद्भुत बेहद सार्थक योगदान दिया है वंदनीय है झाबुआ की देव भूमि झाबुआ में जन्मे डॉ चंचल जिनके अथक प्रयास परिश्रम लगन निष्ठा और समर्पित होते हुए सारा जीवन साहित्य को बिना किसी चाह इच्छा के साथ सकारात्मक सोच चिंतन लिए प्रेरणा देते हुए लाखों आनेवाले कल के लिए सचमुच वरदान साबित हुए हैं आदरणीय डॉ रामशंकर चंचल की साहित्य साधना तपस्या प्रणाम करने योग्य हैं जिसने छोटे से पिछड़े अंचल में रहकर शिक्षक जैसे दायित्व निभाते हुए आज झाबुआ जिले को गर्व प्रदान किया है
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