झाबुआ

❌जिला चिकित्सालय के हाल बेहाल ❌

जिले की हलचल, जिला चिकित्सालय के हाल-बेहाल, नेत्र चिकित्सालय में सहायक नेत्र चिकित्सक को चिकित्सक के साथ अकाउंट का भी दिया जाता है काम
पुलिस चौकी पारा का कारनामा – शराब से भरी गाड़ी को ही बदल दिया, जिले में जोरो से चल रहा जुए-सट्टे एवं नशे का काराबोर
झाबुआ। आदिवासी बाहुल जिले झाबुआ में एकमात्र जिला चिकित्सालय, जो पूरे जिले के मरीजो की आशा का केंद्र है। यहां इन दिनांे बीमार मरीजों का व्यवस्थित एवं समुचित उपचार नहीं हो रहा है। वर्तमान में जिला अस्पताल के हाल-बेहाल होते जा रहे हैं
समय पर डॉक्टर उपस्थित नहीं रहते है। ओपीडी पर तैनात कर्मचारी ड्यूटी समय में नदरत रहते हैं तो दूसरी और कंपाउंडर के पद पर पदस्थ व्यक्ति से अन्य कार्य भी लिए जाते है। वार्डों में पेजयल व्यवस्था का अभाव है। जिला अस्पताल के समीप नेत्र चिकित्सालय में सहायक नेत्र चिकित्सक को चिकित्सक के साथ अकाउंट लेखा-जोखा का काम भी दे रखा है, जो अपनी मनमर्जी से नौकरी करता है। कोई रोकने और टोकने वाला नहीं, दोनों पदों पर मलाई खाने में लगा हुआ है। सहायक नेत्र चिकित्सा अधिकारी राजनीतिक प्रभाव के चलते अपनी दुकानदारी मनमाने रूप से चला रहा है।ं आधा समय जिला नेत्र चिकित्सा में सेवाएं देता है और आधा समय अकाउंट लेखा विभाग में देता है। ऐसी क्या मजबूरी है जिला अस्पताल प्रशासन की कि सहायक नेत्र चिकित्सा व्यक्ति को लेखा कार्य भी दे रखा है। जिलाधीश को जिला अस्पताल का दौरा कर यहां की व्यवस्थाएं देखकर सुधार की सख्त आवश्यकता है।
पुलिस मोन क्यों है … ?
विगत दिनांे पारा चौकी थाना झाबुआ के तहत जयस से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा बिना नंबर के विदेशी शराब के अवैध परिवहन करने वाली गाड़ी को रोका गया, जिसमें पूरी गाड़ी में भारी मात्रा विदेशी शराब की पेटियां भरी हुई थी परंतु पुलिस चौकी पारा द्वारा जप्ती के दौरान उस गाड़ी को भी बदल दिया गया और जो माल उस गाड़ी में भरा था, वह गायब कर दिया गया। उसकी जगह पुरानी गाड़ी चौकी पर खड़ी कर दी गई, इसके बारे में इसका जवाब ना तो पारा चौकी के प्रभारी ना हीं थाना प्रभारी झाबुआ और ना हीं जिला पुलिस कप्तान के पास है। मामले में सभी ने मौन धारण कर लिया है। सूत्र अनुसार लाखों रुपए का लेनदेन इस खेल में हुआ है। इस मामले में निष्पक्ष जांच होना चाहिए।
जिलेभर में चल रहा जुआ-सट्टा और नशे का काराबोर
जिलेभर में जुआ-सट्टा और नशे का कारोबार थमने का नहंी ले रहा है। अधिकांशतः युवा इसकी चपेट में आकर जुआं-सट्टा खेलने के साथ खाईवाल का धंधा कर रहे है। इसके साथ ही नशे के काराबोर में नाईट्रावेट, एविल इंजेक्शन, ब्राउंड शुगर, गांजा की गोपनीय रूप से एवं कई जगहों पर खुले रूप से दुकानों पर बेचा जा रहा है। यह नशीले पदार्थ गुजरात एवं अन्य बाहर जगहों से लाकर युवा इसका धंधा जिले में चला रहे है और भारी मुनाफा कमा रहे है। जिलेभर में पुलिस विभाग ऐसे नशीले पदार्थों पर रोक लगाने और इसको बेचने तथा खरीदने वालों पर सख्ती से कार्रवाई के प्रति केवल औपचारिकता ही निभा रहा है।

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