विसस्थानक तप की आराधना आराधना सम्पन्न। (योगेश चौहान)
राणापुर :: शहर जो गंभीर गणनायक पुण्यसम्राट श्रीमद विजय जयंतसेन सुरीश्वरजी महाराज की कर्म स्थली रही हे वहा इस वर्ष पर्यूषण पर्व के तहत राणापुर की कुल दीपिका साध्वी देशना निधि जी और साध्वी अर्हम निधि जी ने आराधना करवाते हुए श्री कल्प सुत्र और बारसा सूत्र का वाचन किया।
पर्यूषण के आठ दिनों में तपस्या की झड़ी लग गई।
इसी श्रंखला में पुण्य सम्राट के अनन्य भक्त परिषद के प्रति सदा समर्पीत रहने वाले राजेंद्र सियाल की पुत्रवधू सो प्रिया अमित जैन ने विस स्थानक तप की आराधना 40 ऐकासने और उपवास के साथ सम्पन्न किया।इस तप में प्रतिक्रमण,देववंदन करना होते है। इन चालीस दिनों में अरिहंत परमात्मा की 20और सिद्ध परमात्मा की 20 माला गिनी जाती हे।बारह स्वास्तिक प्रतिदिन किए जाते है। अंत के दिनों में आठ माला और आठ स्वास्तिक भी करना होते है।
सौ प्रिया सियाल की तपस्या सम्पन्न होने पर संघ अध्यक्ष दिलीप सकलेचा,अनिल सेठ, सुरेश समीर,कमलेश नाहर, तरुण सकलेचा, विमल बाठिया,मनोज सेठ,मुकेश चौधरी, मीतीन सकलेचा,
तेजमल सकलेचा, मनीष सकलेचा,
तरुण परिषद के राष्ट्रीय सदस्य अवि एवम अक्षत,गोतम,ध्रुव, सकलेचा,
महिला परिषद की अनीता बाठिया,प्रेमलता सकलेचा,विनीता नाहर,ज्योति सुरेश,खुशबू जैन,डाली छिपानी,रीना,पुनम, तनू सकलेचा ने अनुमोदना करते हुए बधाई दी।