“अहम और ममत्व के त्याग से अरहम (अरिहंत )की प्राप्ति हो सकती हे ”

आज झाबुआ शहर धर्ममय रहा । सुबह गोड़ी पार्श्वनाथ जिनालय से चातुर्मास हेतु पूज्य आचार्यजी दिव्यानंद सूरिश्वरजी मसा साधु-साध्वी मण्डल के साथ राजवाडा सुबह ८/३० पर पहुँचे । यहाँ से सकलश्री संघ के साथ शोभा यात्रा प्रारंभ हुई । शोभा यात्रा में घोड़े , तीन बग्गी ,पर लाभार्थी परिवार फोटो लेकर बैठे थे ।शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में समाजजन और अनेक बाहर के श्री संघों के सदस्य सम्मिलित हुए ।शोभा यात्रा लक्ष्मीबाई मार्ग से प्रारंभ हुई जो श्री ऋषभदेव बावन जिनालय कुछ देर रुकी ।
यहाँ पूज्य आचार्यश्री एव साधु साध्वी मण्डल में प्रभु ऋषभदेव बावन जिनालय में जाकर चैत्यवंदन कर प्रभु ऋषभदेव एव गुरुदेव राजेंद्रसूरिश्वरजी के दर्शन वंदन किए ।यहाँ से पुनः शोभा यात्रा प्रारंभ होकर रुनवाल बाज़ार , मैन मार्केट , आज़ाद चौक , राजवाडा ,छोटे तालाब होते हुए निजी गार्डन पहुँची । जगह जगह अक्षत और श्रीफल से गहुली की ग़ई ।निजी गार्डन पहुँचने पर श्रीसंघ और चातुर्मास समिति की और से आगवानी की गई । मंच पर सामूहिक गुरुवंदना की गई । विभिन्न महिला संगठनों ने मंगल गीत प्रस्तुत किया ।श्रीमती कविता मेहता ने आचार्यश्रीं के प्रति अपने भाव प्रस्तुत किए ।आचार्यश्री के मंगलाचरण से धर्म सभा प्रारंभ हुई ॥आचार्यश्री ने कहाँ की चातुर्मास प्रवेश याने श्रावक श्राविकाओ के अंदर धर्म का प्रवेश होजबकि श्रावक श्राविकाए चातुर्मास मतलब हमारा याने साधु संतों का धर्मशाला में प्रवेश समझते हे जो कि सही नहीं हे । आचार्यश्री ने आगे कहाँ की व्यक्ति को जो मानव धर्म मिला हे वह अत्यंत दुर्लभ हे ।
चार गति में भ्रमण कर सद कार्य कर मनुष्य भव मिला हे । लेकिन व्यक्ति की आजकल अहम ( अहंकार ) और मम (ममत्व ) में अपना जीवन व्यतीत कर रहा हे और इसलिए अरहम याने अरिहंत की प्राप्ति नहीं हो रही हे और जन्ममृत्यको प्राप्त कर संसार भ्रमण कर रहा हे । आपने अहम और मम याने ममत्व को छोड़ने के तीन उपाय बताते हुए कहाँ की यदि तीन सूत्र , में अकेला हूँ , मेरा कोई नहीं हे , में किसी का नही हूँ , जीवन में अपनाने ले तो अहम और ममत्व दोनों समाप्त हो सकते हे ।आपने आगे कहाँ की सयोग से मानव जीवन प्रभु की धर्म वाणी श्रवण करने को मिली हे किंतु व्यक्ति धर्म वाणी श्रद्धा के अभाव में श्रवण नहीं करने के कारण अपने जीवन में परिवर्तन नहीं कर प रहा है ।जिससे वास्तविक सुख की प्राप्ति नहीं कर पा रहा हे ।आज धर्म सभा में विशेष रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और वर्तमान विधायक विक्रांत भूरिया भी उपस्थित हुए और आचार्यश्री से आशीर्वाद लिया ।
समस्त श्री संघ की और से श्वेतांबर समाज अध्यक्ष मनोहर भंडारी ने स्वागत भाषण दिया । कार्यक्रम का संचालन चातुर्मास समिति अध्यक्ष संजय मेहता ने किया । इज अवसर पर आचार्यश्री द्वारा झाबुआ में ४५ दिवसीय उपधान तप का मुहूर्त भी प्रदान किया । पूज्य आचार्यश्री अपने साधु साध्वी मण्डल के साथ दोपहर श्री ऋषभदेव बावन जिनालय आ गए । यहाँ शनिवार से प्रतिदिन आचार्यश्री के प्रवचन सुबह ९-१५ से १०-१५ तक होंगे ।(समाप्त )