@पर्युशन पर्व आत्म हित के लिए विशिष्ट आराधना करने का अवसर- आचार्य दिव्यानंद सूरिश्वरजी ।@@

श्री ऋषभदेव बावन जिनालय स्थित श्री राजेंद्र सूरी पौशधशाला मे श्वेतांबर मूर्ति पूजक समाज का आचार्यश्री दिव्यानंद सूरिश्वरजी मसा और साधु साध्वी मंडल की पावन नीश्रा मे 8दिवसीय पर्युशन पर्व आज शनिवार से प्रारम्भ हुआ | सुबह भक्ताम्बेर पाठ,स्नात्र पूजन सम्पन्न हुई | सुबह से ही जिनालय मे भक्तो का प्रभु पूजन हेतु आना प्रारम्भ हो गया था जो दोपहर तक चलता रहा | सुबह 9बजे प्रवचन कक्ष मे पूज्य आचार्य श्री दिव्यानन्द सूरिश्वरजी मसा द्वारा “अष्टान्हिका प्रवचन “प्रारंभ किया ।आचार्यश्री ने कहाँ कि “पर्युशन पर्व “हमारे आत्म हित के लिये विशिष्ट आराधना करने का अवसर प्रदान करता हे । आचार्यश्री ने कहाँ कि हमारी आत्मा अनंत काल से इस संसार की यात्रा कर रही और दुख सहन कर रही है लेकिन आज तक इस यात्रा का अंत नहीं हुआ और यह मानव जन्म आत्मा की अनंत यात्रा को समाप्त करने के लिए प्राप्त हुआ हे जिसे हम यू ही गवाँ रहें हे ॥आचार्यश्री ने कहाँ की हम आराधना तो कर रहे किंतु यह आराधना भाव स्पर्शना के साथ नहीं कर रहे हे इसलिए आत्म कल्याण नहीं हो पा रहा हे । आचार्यश्री ने कहाँ कि परमात्मा इस जगत के सभी जीवों को भी परमात्मा बनने का संदेश दे रहे हे।प्रवर्तक मुनि श्री वैराग्य विजयजी ने कहाँ की जब तक “महात्मा “नहीं बने आत्मा परमात्मा नहीं बन सकती हे ।मुनिश्री रामविजयजी ने कहाँ कि अन्य पर्व तो केवल कर्मों को समाप्त करते है किंतु पर्युषण पर्व तो कर्म के बीज जो हमारे अंदर पड़े हे उनको ही समाप्त करने का कार्य करता हे ।आपने कहाँ कि जैसे मंत्रों में नवकार मंत्र , तीर्थों मे शत्रुन्जय तीर्थ . वैसे ही पर्वों मे पर्युषन पर्व सबमें श्रेष्ठ पर्व माना जाता है । पर्युष्ण पर्व में जो जीव भाव पूर्वक प्रभु आराधना करता हे उसे जैन दर्शन में आने वाले सभी पर्वों का लाभ स्वतः मिल जाता हे ।@@@@@@@@@@ चातुर्मास समिति अध्यक्ष संजय मेहता ने बताया की आज से प्रारंभ हुए पर्यूषण पर्व में संपूर्ण देश के विभिन्न क्षेत्रों से 150 से अधिक श्रावक श्राविकाए पूज्य आचार्यश्री की निश्रा में पर्युषण पर्व आराधना करने हेतु झाबुआ में आगमन हुआ ।सभी श्रावक श्राविका झाबुआ में आठ दिवस तक रहेंगे । झाबुआ के श्रावक श्रावकों और बाहर से आए इन श्रावक श्रविकाओ ने आठ दिवस का चौसठ प्रहरी पोषध व्रत ( साधु जीवन )धारण किया है ।श्री मेहता ने बताया की श्री संघ और चातुर्मास समिति ने बाहर से आए श्रावक श्रविकाओ हेतु संपूर्ण व्यवस्था की गई हे ।झाबुआ में प्रथम बार इतने श्रावक श्राविकाए एक साथ पोषध व्रत धारण कर पर्युष्ण पर्व मना रहे हे । इन सभी पौषधव्रत श्राविका श्रावकों की आठ दिवस की एकाशन तपस्या कराने के लाभ मनोहर छाजेड परिवार ने लिया । समाप्त ।