बधाई गीत

लाग्यो तपस्वीयों नो मेलो
आयो अवसर ये अलबेलो
अनंत पुण्य कमावें
सब संचित कर्म खपावें
तपस्वी तो बड़ भागी छे
आतम ना अनुरागी छे
आ,तपस्वी तो बड़भागी छे!!
अंतर यामी आदिश्वर ने
करियो यों तप भारी
एक बरस ने 40 दिन तक
रहे प्रभु अण हारी
ऐसे प्रभु तप धारी
सबके हैं उपकारी
बने आतम के उध्धारी
रहे प्रभु अविकारी
आ तपस्वी तो बड़ भागी छे
आतम ना अनुरागी छे!!
गाम गाम में विचरे भगवन
ले अभिग्रह को धार
अन धन बहरावे नर नारी
प्रभु न ले आहार
श्रेयांश ने बात विचारी
जानी बातें ये सारी
लियों संकल्प भारी
सब घाती कर्म निवारी
आ,तपस्वी तो बड़ भागी छे
आतम ना अनुरागी छे!!
आखा तीज के शुभ दिन
प्रभु पुर हस्तीना आवे
श्रेयाश के संग प्रजा जन भी
ईक्षु रस वोहरावें
छायों आनंद भारी
घड़ी आई मंगलकारी
तप की है महिमा भारी
हर्षित सब नर नारी
आ,तपस्वी तो बड़ भागी छे
आतम ना अनुरागी छे!!
जो चले प्रभु के पथ पर
बने जीवन सूखकार
आतम अनुभव पावें अनुपम
करे जीवन उद्धधार
हो आतम निर्मल कारी
जो अक्षय सुख के धारी
हो जीवन मंगलकारी
ये तप की है बलिहारी
आ,तपस्वी तो बड़भागी छे
आतम ना अनुरागी छे
यशवंत भंडारी “यश “
झाबुआ म.प्र.