
परम पूज्य राजेंद् गुरु
सदा ही वन्दनीय, गुरु
मोहनखेड़ा, मेरे अञ्चल की
पावन भूमि, देव तीर्थ स्थल
देश की धरोहर स्थल, अद्भुत धार्मिक स्थलों में
एक सार्थक, देश के सभी देशवासियों के लिए
पावन भूमि, जहाँ
स्थापित, परम् पूज्य संत
राजेंद्र गुरु की, पावन देवत्व स्थल को, वन्दन करता हूँ
सचमुच, धन्य हैं, यह धरा
जो आज, करोड़ों की
आस्था की प्रतीक
करोड़ों के, दुःख, दर्द की
साथी, जिनके दर्शन करने मात्र से, अजीब सा
सुख चैन और आनन्द के
साथ जीवन को सुकूंन मिलता है
वन्दनीय है
सचमुच कालनयी है
स्थल, धरा, और परम् पूज्य
संत महान
राजेंद्र गुरु का
अद्भुत अविरल प्रताप
दिव्य प्रेम, आशीर्वाद
साथ, सुकूंन
अद्भुत रूप
अद्भुत छवि
अद्भुत यश और
सब कुछ, सुख अहसास करता हुआ
वन्दनीय
प्रणाम करता हूँ
सदा ही सत् सत्
प्रणाम करता हूँ
धन्य हैं
मेरे जीवन की
इस महान संत के
लिए, मेरे कलम के
कुछ, उदगार, निकल कर
मुझे भी अद्भुत अनुभूति का, अद्भुत अहसास करा
सुख और सुकूंन
दे रही हैं
सदा ही, वन्दनीय है
सम्पूर्ण देश के लिए
राजेंद्र गुरु का
अद्भुत अविरल प्रताप
डॉ रामशंकर चंचल
झाबुआ मध्य प्रदेश