झाबुआ

2024, बनाम 2025,बदलते परिवेश”
(आलेख)
जीवन का मूल उदेश्य ‘क्या संभव है जीवन कर्तव्य और  भक्ति के बीच”” श्री कृष्ण चरित मानस (रसायन “महाकाव्य)’ रामचरित मानस”
और आज आधुनिकयुग ,जिसमे भक्ति भी है विज्ञान क्रांति भी है” तीनो युग अलग परन्तु  ,उद्देश्य तीनों का एक”” जहा धर्म मनावता को बढावा देता है,वही विज्ञान, ठोस सबूतो का” गहरा संदेश है कि एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जिया जाए, तो कैसे’जो धर्म में विश्वास रखते है,उनका,या विज्ञान का,देखा जाऐ तो दोनो ही जीवन का आधार है”। श्री कृष्ण ,का जीवन कर्तव्य और भक्ति के बीच संतुलन को दर्शाता है। अर्जुन को सिखाते हुए, श्री कृष्ण ने उन्हें यह समझाया कि किसी भी चीज़ से आसक्त हुए बिना अपने कर्तव्य में व्यस्त रहना ही जीवन का मूल उद्देश्य है। यह शिक्षा विशेष रूप से प्रासंगिक है जब हम आने वाले वर्ष के लिए अपने लक्ष्यों को निर्धारित करते हैं। भौतिक उपलब्धियों के लिए जीने के बजाय, आइए हम खुद से पूछें: क्या मेरे कार्य मेरे उच्च उद्देश्य के साथ संगत हैं? चाहे वह हमारा कार्य हो, संबंध हों, या समाज के प्रति सेवा,!
2025 वह वर्ष बन सकता है, जिसमें हम हर कार्य में अर्थ और ईमानदारी भरें।
नई शुरुआत का अर्थ अतीत को मिटाना नहीं है, बल्कि इसे आध्यात्मिक रूप से विकसित होने के सबक के रूप में लेना है। ‘श्री कृष्ण चरित मानस (रसायन महाकाव्य)’ में श्री कृष्ण का जीवन हमें दिखाता है कि जब हम विनम्रता और साहस के साथ परिवर्तन को अपनाते हैं, तो कृपा कैसे प्रवाहित होती है। श्री कृष्ण के जीवन से उन बातों पर अमल करे,जिनसे हमे आगे मार्गदर्शन मिल सके””! शांति वहीं है, जहां गहन ज्ञान और स्थिरता का वास है।
और अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाकर एक आध्यात्मिक यात्रा शुरू करें। परिवर्तन को अपनाकर “हम उस मार्ग पर चले जहां सरलता से नयी संभवानाऐ विकसित हो सके””!
हर व्यक्ति को जीवन में एक अवसर की तलाश होती है जो अक्सर वो पहचान नहीं पाता,l
गत बीते वर्प से कुछ अवसर हमे मिलते रहे,जिससे 2025 मे हमे अनेकानेक कार्य को बढा सकते है! जो पिछले चार वर्षों की प्रगति पर आधारित है। यह माप, मूल्यांकन और प्रमाणन तथा कोविड-19 से हमारे प्रयास सहित अनुभव से मिले पाठ पर आधारित है।
सरकार, नागरिक समाज, निजी क्षेत्र, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और विश्व भर के यूएनडीपी कर्मचारियों के विभिन्न व्यवसायियों और विचार नेताओं के साथ बातचीत ने भी योजनाओं को समृद्ध किया है।
ये बात और है की इन क आर्यो पर लोगो का ध्यान कम ही जा रहा है!
कितनी ही योजनाऐ बनती है ,जो सही जानकारी न होने की वजह से ,मूल रूप लेने से पहले ही निरस्त हो जाती है!
2025,यह दुनिया और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। एक ग्रहीय आपातकाल और महामारी ने दुनिया के प्राकृतिक संसाधनों को खत्म कर दिया है और गरीबी और असमानता को बढ़ा दिया है। अगर हम सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में निर्णायक कदम उठाने के लिए इस अवसर का लाभ नहीं उठाते हैं, तो 2030 तक एक अरब लोग अत्यधिक गरीबी में रह सकते हैं।

लेकिन यह चुनाव का क्षण भी है: अपने अनुभव से सीखने, चीजों को अलग तरीके से करने, अधिक साझा लक्ष्यों की आकांक्षा करने का अवसर। यह नई रणनीतिक योजना 2022-2025 बताती है कि यूएनडीपी इन असाधारण समय में हमसे जो अपेक्षित है उसे पूरा करने के लिए हमारे भागीदारों के साथ मिलकर काम करने का इरादा कैसे रखता है। मजबूत सामूहिक परिणामों के लिए पुनर्जीवित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और उससे परे सहयोग करना। परिवर्तनकारी बदलाव के उद्देश्य से एकीकृत दृष्टिकोण लागू करना। कोविड-19 से उबरने और बेहतर तरीके से आगे बढ़ने के लिए सरकारों और समुदायों का समर्थन करना।

रणनीतिक योजना गरीबी उन्मूलन, सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए देशों के साथ चलने तथा पेरिस समझौते की दिशा में काम करने के लिए यूएनडीपी की निरंतर प्रतिबद्धता पर आधारित है। इसमें बहुआयामी गरीबी से निपटने, ऊर्जा पहुंच, चुनाव भागीदारी तथा विकास वित्तपोषण सहित लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए साहसिक लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसमें बताया गया है कि यूएनडीपी किस तरह से डिजिटलीकरण, नवाचार तथा विकास वित्तपोषण द्वारा संचालित हमारे छह प्रमुख समाधानों को विकसित करेगा, ताकि अधिक प्रभाव हो। यह हमारे लोगों, व्यापार मॉडल तथा परिचालन उत्कृष्टता में और अधिक निवेश करते हुए, और भी अधिक चुस्त तथा पूर्वानुमानित संगठन बनने की दिशा में व्यावहारिक कदम निर्धारित करता है।

योजना बताती है कि किस तरह हमारे गहन स्थानीय अनुभव और हमारे समृद्ध वैश्विक नेटवर्क का संयोजन, देशों के ज्ञान और साझा अनुभव का उपयोग करके, हमारे भागीदारों को मूल्य प्रदान करता है। हम सिस्टम को बदलने और हमारे और एसडीजी के बीच खड़ी सबसे कठिन चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए नवाचार और रचनात्मकता को कैसे बढ़ावा देंगे। यह सब हरित, समावेशी बदलावों की दिशा में प्रगति को बढ़ाने और तेज करने के लिए है जो अधिक अवसर और लचीलेपन के माध्यम से हर अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाते हैं।

यह योजना हमारे कई भागीदारों के साथ व्यापक सहयोग का परिणाम है। मैं उनका और हमारी सभी UNDP टीमों का बहुत आभारी हूँ, जिनके योगदान से एक ऐसी योजना तैयार करने में मदद मिली है जो सही मायने में उन सभी देशों, समुदायों और लोगों की विविधता को दर्शाती है ,अक्सर हम नजर अंदाज कर देते है ,उन बातो को ,जो हमे समय समय पर बतायी जाती है,जिनसे हम ,पर्यावरण, उद्योग “
मानव सेवा ,रचनात्मकता “स्वस्थ परिवेश की पूरी जानकारी दी जाती है!
यदि हम उन बातों पर अमल करे तो ,पचास प्रतिशत जीवन मे हम सफलता प्राप्त कर ले””!
और 2025 भारत का स्वर्णिम युग हो!

रीमा महेंद्र ठाकुर वरिष्ठ लेखक सहित्य संपादक राणापुर झाबुआ मध्यप्रदेश भारत

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